प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के तहत जनजातीय बसाहटों को आधारभूत सुविधाओं से जोड़ने के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना में मध्यप्रदेश ने शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। अब राज्य के दूरस्थ आदिवासी इलाकों में रहने वाले परिवारों को वह सारी सुविधाएं मिल रही हैं, जिनका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।
5800 बसाहटों में सरकारी योजनाओं की सौगात
मध्यप्रदेश की 5800 जनजातीय बसाहटों में रहने वाले 2.62 लाख से अधिक सहरिया, बैगा और भारिया परिवारों को अब सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि और राशन कार्ड उपलब्ध कराने में 100% सफलता मिली है। इन दस्तावेजों की मदद से परिवार अब विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का आसानी से लाभ उठा रहे हैं।
आवास निर्माण में देश में सबसे आगे शिवपुरी
जनजातीय परिवारों को पक्के घर देने में शिवपुरी जिला न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश में आगे है। यहां अब तक 16,000 से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा शहडोल में 10,711, श्योपुर में 7,639, उमरिया में 6,410, छिंदवाड़ा में 5,479 और मंडला में 5,446 आवास बन चुके हैं। बाकी जिलों में भी तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है।
गांव-गांव तक सड़क सुविधा
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1,570 बसाहटों में 2,265 किमी सड़कों का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में 739 किमी लंबाई की 377 सड़कों को मंजूरी मिल चुकी है और इनके निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। इससे जनजातीय इलाकों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी।
हर घर नल से जल – दिसंबर तक पूरा होगा लक्ष्य
योजना के तहत 4,843 बसाहटों में रहने वाले 12.30 लाख घरों में नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। अब तक 8,43,258 घरों में नल से पानी की सुविधा मिल चुकी है, जबकि शेष घरों में दिसंबर तक यह सुविधा पहुंच जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य सुविधा के मामले में भी योजना ने बड़ा बदलाव किया है। 3,132 गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं और 1,268 गांवों में मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित हो रही हैं। अब तक 4 लाख से ज्यादा मरीजों का परीक्षण किया गया है, जिसमें टीबी और सिकल सेल की जांच पर खास जोर दिया गया है। करीब 27,000 मरीजों को फिजियोथेरेपी सेवाएं भी दी गई हैं।
हर घर बिजली – ग्रिड और सोलर से रोशनी
ग्रिड कनेक्शन के जरिए 24,800 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है, जबकि दुर्गम इलाकों में ऑफ-ग्रिड सोलर पावर से 2,060 गांवों को रोशन करने का काम तेजी से चल रहा है।
पोषण और शिक्षा में सुधार
जनजातीय बच्चों को पोषण देने के लिए 704 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 628 तैयार हो चुके हैं। साथ ही 76 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का प्रस्ताव भी तैयार है। शिक्षा सुविधा के तहत 16 जिलों में 106 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं, जिससे बच्चों को बेहतर पढ़ाई का मौका मिलेगा।
डिजिटल नेटवर्क और रोजगार के अवसर
15 जिलों में 4जी मोबाइल नेटवर्क देने का काम जारी है और टावर लगाने के लिए स्थान तय कर लिए गए हैं। इसके अलावा वन एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 11 जिलों में 83 वन-धन विकास केंद्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनसे 5,000 जनजातीय लोग जुड़े हैं। इन केंद्रों में लोगों को बिजनेस प्लान और उद्यमिता की ट्रेनिंग दी जा रही है।
मध्यप्रदेश बना रोल मॉडल
पीएम जनमन योजना ने साबित कर दिया है कि अगर योजनाओं का क्रियान्वयन तेज और सही तरीके से हो, तो जनजातीय इलाकों में भी खुशहाली लाई जा सकती है। अब मध्यप्रदेश का मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन रहा है।