बीमारी इंसान को कभी भी और कहीं भी घेर सकती है। चाहे साधारण बुखार हो या कोई गंभीर रोग, इलाज कराना हर व्यक्ति का अधिकार है। लेकिन हकीकत यह है कि गरीब और कमजोर परिवार महंगे इलाज के खर्च को उठाने में अक्सर असमर्थ रहते हैं। कई बार तो लोग पैसे के अभाव में इलाज ही नहीं करा पाते और गंभीर बीमारी से जूझते रहते हैं। इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश का कोई भी नागरिक केवल आर्थिक तंगी की वजह से अपना इलाज न छोड़ दे।
आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना मानी जाती है। इसके तहत पात्र परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है। इसका मतलब यह है कि गरीब परिवार अब बिना पैसे की चिंता किए गंभीर बीमारियों का इलाज करा सकते हैं। योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि मरीज को इलाज के दौरान न तो किसी अस्पताल में पैसे जमा करने की ज़रूरत होती है और न ही बिल चुकाने की। इलाज पूरी तरह से कैशलेस और पेपरलेस होता है, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलती है।
इस योजना के दायरे में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं। सूचीबद्ध सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में लाभार्थियों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है। अस्पताल में भर्ती होने से पहले और डिस्चार्ज होने के बाद भी कुछ दिनों तक मेडिकल खर्च योजना के तहत कवर होता है। यानी मरीज की पूरी स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है। इसका मकसद समाज में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बराबरी लाना है। अक्सर देखा जाता है कि अमीर लोग महंगे अस्पतालों में बेहतर इलाज पा लेते हैं, जबकि गरीब परिवार पैसों की कमी से बुनियादी इलाज तक नहीं करा पाते। इस असमानता को खत्म करने के लिए सरकार ने यह योजना लागू की। इससे गरीब परिवारों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और वे स्वस्थ जीवन जीने का अवसर पाते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस योजना का फायदा किसे मिलता है? इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रता मानदंड तय किए हैं। जिन परिवारों का नाम 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) में दर्ज है, वे इसके अंतर्गत आते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार, कच्चे मकानों में रहने वाले लोग, जिनके घर में 16 से 59 वर्ष का कोई कमाने वाला पुरुष सदस्य नहीं है, वे इस योजना के लिए पात्र होते हैं। इसके अलावा घरेलू कामगार, सफाई कर्मचारी, निर्माण श्रमिक, रिक्शा चालक, एससी और एसटी वर्ग के लोग भी लाभ उठा सकते हैं। यदि परिवार में कोई विकलांग व्यक्ति है या कमाने वाला सदस्य नहीं है, तो वे भी योजना में शामिल होते हैं। यहां तक कि 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक भी इसके तहत मुफ्त इलाज पा सकते हैं।
अब बात करते हैं आवेदन प्रक्रिया की। आयुष्मान भारत योजना के लिए कार्ड बनवाना बेहद आसान है। सबसे पहले आपको आधिकारिक पोर्टल पर जाना होता है। वहां “बेनिफिशियरी” विकल्प चुनने के बाद मोबाइल नंबर दर्ज करके लॉगिन करें। OTP सत्यापन के बाद आधार नंबर डालकर परिवार की जानकारी देखी जा सकती है। यदि आपका नाम सूची में है, तो E-KYC प्रक्रिया पूरी करनी होती है। आधार ऑथेंटिकेशन के बाद जानकारी सबमिट करने पर आवेदन स्वीकृत हो जाता है और आप अपना आयुष्मान भारत कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इस कार्ड की मदद से आप किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में मुफ्त इलाज पा सकते हैं।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इलाज करवाने के लिए किसी तरह के नकद भुगतान की आवश्यकता नहीं होती। चाहे हार्ट सर्जरी हो, किडनी ट्रांसप्लांट हो या फिर कैंसर का इलाज, हर चीज योजना के तहत कवर होती है। सरकार का उद्देश्य यह है कि किसी भी परिवार को इलाज के लिए कर्ज या जमीन-जायदाद बेचने जैसी मजबूरी का सामना न करना पड़े।
दस्तावेजों की बात करें तो आवेदन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, परिवार आईडी, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर जरूरी होते हैं। इन दस्तावेज़ों से पात्रता की पुष्टि होती है और लाभार्थी को योजना का फायदा आसानी से मिल जाता है।
आयुष्मान भारत योजना ने वास्तव में गरीब परिवारों की जिंदगी बदल दी है। पहले जहां गंभीर बीमारी सुनते ही परिवार टूट जाते थे, वहीं अब लोग इलाज के प्रति आश्वस्त हैं। लाखों लोगों ने इस योजना के जरिए न केवल मुफ्त इलाज कराया है बल्कि जीवन को नई उम्मीद भी दी है। यह योजना समाज में स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी बन चुकी है।
संक्षेप में कहा जाए तो आयुष्मान भारत योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति है जिसने गरीब और कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बराबरी का अवसर दिया है। यह योजना देश के हर उस परिवार के लिए उम्मीद की किरण है, जो आर्थिक मजबूरी के कारण इलाज से वंचित रह जाते थे। सरकार का यह कदम भारत को स्वस्थ और सुरक्षित समाज की ओर ले जा रहा है।