UP Board 10th-12th Exam 2026 Date Sheet :- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) 2026 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में इस बार बड़ा बदलाव करने जा रहा है। पिछले कई वर्षों से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं हिंदी विषय के पेपर से शुरू होती रही हैं, लेकिन इस बार बोर्ड ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए किसी आसान विषय से परीक्षा शुरू करने की योजना बनाई है। इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण छात्रों के पहले दिन के मानसिक दबाव को कम करना और उनके प्रदर्शन में सुधार लाना है।
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के पहले दिन छात्रों में स्वाभाविक रूप से घबराहट और तनाव होता है। ऐसे में जब शुरुआत हिंदी जैसे लंबे और अपेक्षाकृत कठिन माने जाने वाले विषय से होती है, तो यह दबाव और बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप कई छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन प्रभावित हो जाता है और रिजल्ट में भी गिरावट देखने को मिलती है। यही कारण है कि इस बार बोर्ड ने तय किया है कि पहले दिन का पेपर ऐसा होना चाहिए जो आसान हो और छात्रों को आत्मविश्वास दिला सके।
पिछले कुछ सालों के रिजल्ट का विश्लेषण करने पर यह सामने आया है कि हिंदी विषय में बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हो रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ विषय की कठिनाई की वजह से नहीं, बल्कि पहले दिन के मानसिक दबाव की वजह से भी हो रहा है। फीडबैक में यह भी पता चला है कि छात्र पहले दिन परीक्षा केंद्र के माहौल, सीटिंग अरेंजमेंट और अन्य औपचारिकताओं में व्यस्त रहते हैं, जिससे उनके मन में एक प्रकार की बेचैनी और डर बना रहता है। इसका असर सीधे उनके लिखने की क्षमता और समय प्रबंधन पर पड़ता है।
बोर्ड की नई योजना के तहत, 2026 की परीक्षा में पहले दिन किसी ऐसे विषय का पेपर होगा जिसे छात्र आसान मानते हैं। ऐसा करने से छात्रों को परीक्षा केंद्र और माहौल के साथ एडजस्ट होने का समय मिलेगा। जब पहला पेपर सहज माहौल में पूरा हो जाएगा, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अगले पेपर्स के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो पाएंगे।
बोर्ड सूत्रों की मानें तो समय सारणी (Date Sheet) को अंतिम रूप देने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अलग-अलग विषयों की तारीखें तय करके प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है और मंजूरी मिलते ही इसे आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि नया टाइम टेबल दिसंबर 2025 के अंत तक छात्रों के सामने आ जाएगा, जिससे उन्हें विषयवार तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव न केवल छात्रों के लिए मानसिक राहत लाएगा, बल्कि समग्र परीक्षा परिणाम में भी सुधार कर सकता है। आसान विषय से शुरुआत होने पर छात्रों को एक सकारात्मक शुरुआत मिलेगी, जो बाकी पेपर्स में उनके प्रदर्शन को और मजबूत करेगी। इसके अलावा, पहले दिन की परीक्षा के बाद छात्रों को अगली परीक्षा से पहले मानसिक रूप से तैयार होने का एक अतिरिक्त दिन भी मिल सकता है, जिससे वे और अधिक आत्मविश्वास के साथ पेपर दे सकेंगे।
इस बदलाव को लेकर छात्रों और अभिभावकों में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उनका मानना है कि यह निर्णय छात्रों के हित में है और इससे बोर्ड परीक्षाओं के प्रति छात्रों की सोच में भी बदलाव आएगा। पहले दिन की चिंता और तनाव कम होने से उनकी पढ़ाई और रिवीजन पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
अब सभी की निगाहें यूपी बोर्ड की 2026 की आधिकारिक डेट शीट पर टिकी हैं। जैसे ही नई समय सारणी जारी होगी, छात्र अपनी रणनीति के अनुसार तैयारी शुरू कर सकेंगे। यह बदलाव न सिर्फ यूपी बोर्ड के इतिहास में एक नया प्रयोग होगा, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए एक सकारात्मक मिसाल भी बन सकता है।