Old Pension Scheme 2025: उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। सरकार ने 2001 से नियुक्त विशेष विषय विशेषज्ञों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ देने पर गंभीरता से विचार करने के संकेत दिए हैं। विधान परिषद में शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 105 के तहत यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और मानकों के आधार पर OPS बहाली पर विचार करने का आश्वासन दिया। यह कदम हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने वाला साबित हो सकता है।
मामला तब शुरू हुआ जब 2001 में विशेष विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति हुई। 2003 में हाई कोर्ट ने इनके संयोजन का आदेश दिया और 2006 में चयन बोर्ड अधिनियम संशोधित कर इन्हें पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा प्रदान किया गया। लेकिन अब तक इन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला। शिक्षा मंत्री गुलाब देवी का कहना है कि इनकी शुरुआती नियुक्ति ₹5000 मानदेय पर 11 महीने की संविदा के आधार पर हुई थी और हर साल इसका नवीनीकरण होता था, ऐसे में OPS पात्रता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, बाद में इन विषय विशेषज्ञों को नियमित कर लेक्चरर और प्रधानाचार्य के पद भी दिए गए, जिससे अब OPS बहाली की मांग और मजबूत हो गई है।
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों से समर्थन मिला है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, भाजपा विधायक चंद्र शर्मा और उमेश द्विवेदी समेत कई नेताओं ने OPS बहाली का समर्थन किया। नेता सदन सूर्य प्रताप शाही ने भी माना कि मामला संवेदनशील है और गहन विचार की आवश्यकता है। उनका कहना है कि चूंकि शुरुआती नियुक्ति संविदा पर हुई थी, इसलिए इसे कानूनी और प्रशासनिक दृष्टि से जांचना जरूरी है।
बैठक के दौरान माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप भी लगा। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के निर्देशों के बावजूद विभाग OPS बहाली पर सही तरीके से अमल नहीं कर रहा है। वहीं, निर्दलीय सदस्य राज बहादुर चंदेल ने यह तर्क दिया कि जब बाद में इन विशेषज्ञों को नियमित कर स्थायी पद दिए गए हैं, तो इन्हें OPS का लाभ मिलना चाहिए।
काफी देर तक चली चर्चा और बहस के बाद अंततः शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि सभी तथ्यों की जांच की जाएगी और OPS बहाली के लिए तय मानकों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। अगर फैसला सकारात्मक हुआ, तो यह हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता का नया अध्याय खोल देगा। OPS की बहाली से रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गारंटी मिलेगी, जो आज के समय में सरकारी नौकरी की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है।
इस पूरी प्रक्रिया ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि OPS सिर्फ एक पेंशन योजना नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता और मानसिक सुकून का प्रतीक है। जिन शिक्षकों ने सालों तक शिक्षा व्यवस्था में योगदान दिया है, उनके लिए यह एक तरह से सम्मान वापसी होगी। अब सभी की निगाहें सरकार के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। अगर OPS बहाली को हरी झंडी मिल जाती है, तो यह न सिर्फ शिक्षा जगत में बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में उत्साह और उम्मीद की नई लहर पैदा करेगी।